गुना में कोरोना / राजस्थान से आए 81 मजदूरों को पहले नहलाया, फिर क्वारैंटाइन किया; 500 किमी पैदल चलकर आईं तीन गर्भवती का टीकाकरण कराया

 




राजस्थान से जिले की सीमा में आए 81 मजदूरों को फतेहगढ़ के स्कूल में क्वारैंटाइन किया गया, इसमें से 61 तो मजदूर भीलवाड़ा क्षेत्र से आए थे, जहां कोरोना के कई पॉजीटिव मामले सामने आ चुके हैं। इन मजदूरों के जिले की सीमा में घुसने की सूचना से ही प्रशासन हरकत में आ गया। एसडीएम शिवानी गर्ग तुरंत मौके पर पहुंचीं। उन्होंने जितने भी मजदूर आए थे, उनसे कहा कि सबसे पहले सभी लोग नहाकर आएं, फिर इन सभी को सोशल डिस्टेंस का पालन कराते हुए स्कूल में ठहराया गया। इसमें 3 गर्भवती महिलाएं भी थीं, जो 500 किमी की पैदल चलकर आई थीं। उनका टीकाकरण कराया गया है। मजदूरों के साथ में 20 बच्चे भी थे, यह भी भूखे थे, सभी को खाना खिलाया गया। इन सभी की स्वास्थ्य जांच भी कराई गई है, लेकिन किसी में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए हैं। जिला अस्पताल में क्वारैंटाइन एक दर्जन लोगों की सुरक्षा में 1-4 का गार्ड तैनात किया गया है। प्रबंधक का अंदेशा था कि कोई भाग न जाए, इसलिए पुलिस सुरक्षा लगवाई गई। 


राजस्थान के उदयपुर, जयपुर तक के मजदूर आए 
राजस्थान से पैदल चलकर बड़ी संख्या में मजदूर गुना की सीमा में प्रवेश कर गए। हालांकि यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। सूचना मिली थी राजस्थान के जिस भीलवाड़ा क्षेत्र में कोरोना के कई पॉजिटिव मामले आ चुके हैं, उसी इलाके से मजदूर आए हैं। इसलिए प्रशासन हरकत में आ गया। इन स्थल पर पहुंची एसडीएम शिवानी गर्ग ने सभी को क्वारेंटाइन कर दिया है। कुल 81 मजदूर आए थे, इसमें महिलाएं भी शामिल हैं। 3 गर्भवती महिलाएं, 20 बच्चे भी शामिल हैं। यह लोग पिछले 4 से 5 दिन से पैदल चलकर आए हैं, थके हुए थे, इसलिए सभी को एसडीएम ने नहाने के लिए कहा, इसका इंतजाम कराया। मौके पर ही स्वास्थ्य टीम पहुंच गई। सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। 


पगारा में भी रोके थे मजदूर लेकिन चले 
पगारा में भी पिछले दिनों बड़ी संख्या में मजदूरों को रोका गया था, उनके ठहरने के पूरे इंतजाम किए गए थे। खाने-पीने से लेकर हर सुविधा दी जा रही थी, लेकिन इसके बाद भी कोई भी नहीं रुका। सभी अपने-अपने स्तर से चले गए। फतेहगढ़ के मजदूर भी जाना चाहते हैं, लेकिन उनसे कहा है कि वह कुछ दिन रुकें, ताकि निगरानी की जा सके। 


नंगे पैर आने वालों को जूते, चप्पल भी दे रहा प्रशासन
दैनिक भास्कर ने पिछले दिनों यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया था कि गुना सीमा में प्रवेश करने वाले कई मजदूरों पर चप्पल तक नहीं हैं। वह एक 7 से 8 साल के बच्चे का भी जिक्र किया था, बताया था कि यह नंगे पैर ही 400 किमी पैदल चलकर अपनी मां के साथ आया है। उसके पैरों में छाले पड़ गए थे। भास्कर ने खबर में बताया था कि लोगों के पास चप्पल, जूते भी नहीं है। नंगे पैर चल रहे हैं। कलेक्टर एस विश्वनाथन ने इसे गंभीरता से लिया और एसडीएम से कहा था कि इस पर ध्यान दें। इसके बाद से ही ऐसे लोगों को चप्पलें बांटी जा रही हैं। 



अस्पताल में सुरक्षा लगाई
जिला अस्पताल में भी सुरक्षा लगा दी गई है। अस्पताल में एक दर्जन लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है। इसमें 5 वह लोग भी हैं, जो दिल्ली की जमात से लौटकर आए थे। वहीं एक व्यक्ति तो क्वारेंटाइन होने की वजह से परेशान है, उसने तो कई दिन पहले सीएम हेल्पलाइन तक लगा दी थी, उसका आरोप था कि वह कब तक ऐसे ही पड़ा रहेगा। वह अपने घर जाना चाहता है। प्रबंधन का कहना है कि यह सभी 14 दिन की अवधि पूरी करेंगे, इसके बाद ही घर जा सकेंगे। इन सभी को भोजन, नाश्ता आदि भी दिया जा रहा है। वहीं यहां से भाग न सके, इसलिए 1-4 का गार्ड भी लगा दिया गया है। 24 घंटे इन पर निगरानी रखी जा रही है।




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